वसीयत और नसीहत
एक बार पूरा ज़रूर पढ़े....
(वसीयत और नसीहत)
एक दौलतमंद इंसान ने अपने बेटे को वसीयत करते हुवे कहा "बेटा मेरे मरने के बाद मेरे पैर मे ये फटे हुवे मोज़े (शॉक्स) पहना देना, मेरी यह ख्वाहिश जरूर पूरी करना ! बाप के मरते ही गुस्ल देने के बाद बेटे ने आलिम से बाप की ख़ाहिश बताई, आलिम ने कहा हमारे दीन मैं सिर्फ कफ़न पहनाने की इज़ाज़त है, पर बेटे की ज़िद थी की बाप की आखरी ख़ाहिश पूरी हो, बहस इतनी बढ़ गई की शहर के उलमाओं को जमा किया गया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला, इसी माहोल मे एक शक़्स आया और आकर बेटे के हाथ मे बाप का लिखा हुवा खत लिया जिस मे बाप की नसीहत लिखी थी
"मेरे प्यारे बेटे"
देख रहे हो ? कसीर माल और दौलत, बंगलो, गाडी और बड़ी बड़ी फैक्ट्री और फॉर्म हाउस के बाद भी मैं एक फटा हुवा मोजा तक नहीं ले जा सकता, एक रोज़ तुम्हे भी मौत आएगी, आगाह हो जाओ तुम्हे भी एक कफ़न मे ही जाना पड़ेगा, लेहाज़ा कोशिश करना दौलत का सही इस्तेमाल करना, नेक राह मैं ख़र्च करना, बेसहाराओं को सहारा बनना क्युकी क़ब्र में सिर्फ तुम्हारे आमाल ही जाएंगे"
नोट: आप सभी से दरख्वास्त है की कड़वा सच ज़रूर शेयर करे, क्या मालूम किसी एक को तोफिक हासिल हो जाय
ज्यादा से ज्यादा जकात व ईमदाद अखिल भारतीय मोयला समाज ट्रस्ट के बैकं खाते मे जमा करवाये
ताकि मददगारो कि मदद कि जा सके
अखिल भारतीय मोयला समाज सभी भाईयो से 🙏🙏 जोडकर गुजारिश करती है कि
अपना समाज है और अपने भाईयो कि मदद करनी है जब अल्लाहा ताल्लाहा फरमाता है कि सबसे पहले अपनो कि मदद करो फिर दुसरो कि जब यह हुक्म दिया है तो क्यु हम उनके बताये हुये रास्ते पर नही चलते है
आओ हम सब मिलकर समाज के उन भाईयो के मददगार बने जो मदद के लायक है
रमजान के बाद समाज के चार बच्चीओ कि शादी करनी है बोहत से भाईयो का ईलाज करवाना है
सभी भाई अपनी और से और अपने गावं या परिचित सम्बधि से जरुर कहे कि हमारे समाज मे यह काम हो रहा है क्या पता उसका दिल खुश हो जाये मदद देने को
ईसलिये आप भी मदद करे और अपनो वालो को भी पाबदं करे मदद के लिये
विनती 🙏🙏🙏
अखिल भारतीय मोयला समाज
Naseer khan j
(वसीयत और नसीहत)
एक दौलतमंद इंसान ने अपने बेटे को वसीयत करते हुवे कहा "बेटा मेरे मरने के बाद मेरे पैर मे ये फटे हुवे मोज़े (शॉक्स) पहना देना, मेरी यह ख्वाहिश जरूर पूरी करना ! बाप के मरते ही गुस्ल देने के बाद बेटे ने आलिम से बाप की ख़ाहिश बताई, आलिम ने कहा हमारे दीन मैं सिर्फ कफ़न पहनाने की इज़ाज़त है, पर बेटे की ज़िद थी की बाप की आखरी ख़ाहिश पूरी हो, बहस इतनी बढ़ गई की शहर के उलमाओं को जमा किया गया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला, इसी माहोल मे एक शक़्स आया और आकर बेटे के हाथ मे बाप का लिखा हुवा खत लिया जिस मे बाप की नसीहत लिखी थी
"मेरे प्यारे बेटे"
देख रहे हो ? कसीर माल और दौलत, बंगलो, गाडी और बड़ी बड़ी फैक्ट्री और फॉर्म हाउस के बाद भी मैं एक फटा हुवा मोजा तक नहीं ले जा सकता, एक रोज़ तुम्हे भी मौत आएगी, आगाह हो जाओ तुम्हे भी एक कफ़न मे ही जाना पड़ेगा, लेहाज़ा कोशिश करना दौलत का सही इस्तेमाल करना, नेक राह मैं ख़र्च करना, बेसहाराओं को सहारा बनना क्युकी क़ब्र में सिर्फ तुम्हारे आमाल ही जाएंगे"
नोट: आप सभी से दरख्वास्त है की कड़वा सच ज़रूर शेयर करे, क्या मालूम किसी एक को तोफिक हासिल हो जाय
ज्यादा से ज्यादा जकात व ईमदाद अखिल भारतीय मोयला समाज ट्रस्ट के बैकं खाते मे जमा करवाये
ताकि मददगारो कि मदद कि जा सके
अखिल भारतीय मोयला समाज सभी भाईयो से 🙏🙏 जोडकर गुजारिश करती है कि
अपना समाज है और अपने भाईयो कि मदद करनी है जब अल्लाहा ताल्लाहा फरमाता है कि सबसे पहले अपनो कि मदद करो फिर दुसरो कि जब यह हुक्म दिया है तो क्यु हम उनके बताये हुये रास्ते पर नही चलते है
आओ हम सब मिलकर समाज के उन भाईयो के मददगार बने जो मदद के लायक है
रमजान के बाद समाज के चार बच्चीओ कि शादी करनी है बोहत से भाईयो का ईलाज करवाना है
सभी भाई अपनी और से और अपने गावं या परिचित सम्बधि से जरुर कहे कि हमारे समाज मे यह काम हो रहा है क्या पता उसका दिल खुश हो जाये मदद देने को
ईसलिये आप भी मदद करे और अपनो वालो को भी पाबदं करे मदद के लिये
विनती 🙏🙏🙏
अखिल भारतीय मोयला समाज
Naseer khan j
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