एक बनें,नेक बनें,abmsss के सदस्य बनें। "मेरा समाज,मेरा गौरव" के तहत समाज के प्रत्येक व्यक्ति के दु:ख में भागीदार बनें। "मोयला" समाज के प्रत्येक व्यक्ति काे बुलन्दियों छुनें में अपना अमुल्य सहयोग प्रदान करें। "जकात" abmsss में देवें। जिससे अपनों का भला हो सकें।

*भारत में तेजी से आर्थिक और राजनीतिक बदलाव हो रहे हैं। जब आर्थिक और राजनीतिक बदलाव होते हैं तो उसका सीधा असर समाज पर पड़ता है और ऐसे में सामाजिक संरचनाएं टूटती हैं। संरचनाओं के टूटने का असर लोगों की मानसिकता पर गहरा पड़ता है। तय है इससे हर उम्र और हर तबके के लोगों पर प्रभाव पड़ता है। लेकिन क्या जो सामाजिक बदलाव हो रहा, वो सही है? जिन हालात में हम रह रहे हैं क्या उससे हम संतुष्ट हैं? क्या समाज के हर तबके तक वो सारी चीज़े पहुंच रही हैं जिसकी उन्हें उम्मीद है? इन सारे सवालों से जूझना ज़रूरी है और गंभीरता से सोचना ज़रूरी
 है।
  *abmss*ने अपनी ‘गूंज’ उन लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की जो समाज को लेकर चिंतत हैं, समाज की बेहतरी के लिए प्रयासरत हैं, जो समाज में कुछ अच्छा कर रहे, सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं। *abmss* का मानना है कि

“समाज के बदलने से पहले खुद को बदलना ज़रूरी है, दुनिया को बदलने से पहले खुद को ठीक करना ज़रूरी है। यह बिलकुल ऐसा ही है कि हमें जब ट्रैफिक पुलिस वाला पकड़ता है और चालान करने करने लगता है तो हम सौ रुपए देकर अपनी जान छुड़ाते हैं। ऐसे में हम क्या करते हैं? चूंकि चालान पांच सौ रुपए का होता, इसलिए हमने चार सौ रुपए बचा लिए। ज़ाहिर है हम उस ट्रैफिक वाले से चार गुणा ज्यादा बड़े चोर हैं। ऐसे में हम किस समाज के बदलाव के बात करते हैं।”
नोट:- कड़वा है परन्तु सच है। ईसलिए समाज सेवा में अग्रणी होकर भागीदार निभाएं।
एक बनें,नेक बनें,abmsss के सदस्य बनें।
"मेरा समाज,मेरा गौरव" के तहत समाज के प्रत्येक व्यक्ति के दु:ख में भागीदार बनें।
"मोयला" समाज के प्रत्येक व्यक्ति काे बुलन्दियों छुनें में अपना अमुल्य सहयोग प्रदान करें।
"जकात" abmsss में देवें। जिससे अपनों का भला हो सकें।
अपने तो अपने होतें यार बाकी तो सब पराये होतें है।
✍मिनजानिब
अखिल भारतीय मोयला समाज सेवा समिति ट्रस्ट

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