देखिये किस अंदाज में abmsss ने दी है ईद-उल-जुहा की मुबारकबाद

सोचा किसी अपने से बात करूँ,
अपने किसी ख़ास को याद करूँ,
किया जो फैसला ईद मुबारक कहने का,
दिल ने कहा क्यूँ न आपसे शुरुवात करूँ….
|| उल-जुहा ईद मुबारक हो ||

कायम रहे खुदा पे वो ईमान मुबारक 
ईमान मुकम्मल हो ये अस्मान मुबारक
दिल -जिस्म -रूह पाक रहे दौर -ए -इबादत
अल्लाह के बंदों को
अखिल भारतीय मोयला समाज सेवा समिति ट्रस्ट की जानिब से-
 आपको और आपके पूरे प्यारे परिवार को ईद  के मुक्कदस मौके पर बहूत बहूत मुबारकबाद । अल्लाह आपको इस मौके पर तमाम खुशियाँ अता फ़रमायें ,और आपकी इबादत को कबूल फ़रमायें ।
आप सभी भाइयों का बहुत बहुत आभार और बहुत बहुत शुक्रिया की आपने एक समाज के ट्रस्ट की नींव रखी और अपने हैसियत से ट्रस्ट की मदद की ।
आओ हम इस खुशी कें मौके पर रंजन से इरादा करें की हम हमारी कौम को आर्थिक एतबार से , सामाजिक एतबार से , सियासी एतबार से आगे ले जायेंगे । आज नफ्सा नफ़्सी कें इस आलम में हमें हमारी कौम को तालीम की और ले जाने कें लिये हर संभव प्रयास करना हैं ।
आपको जानकारी के लिये बता देता हूँ की जरूरतमंद की लिस्ट बहुत ज्यादा है , हम लगातर समाज के भाइयों से सलाह मशवरा भी ले रहे है , समाज के पैसे का ज़्यादा से ज्यादा सदुपयोग कैसे हो? उस पर बहुत गहन मंथन की जरूरत है ,
कहीं अड़चने और जिम्मेदारी का बहुत बड़ा बोझ है , हमारी कोशिश ये है की बढ़िया से बढ़िया समाजहित में काम करें , हम सब इंसान हैं । फरिश्ता नहीं हैं , गलती सब से होती हैं , यहा पारसा कोई नहीं हैं । इसलिये जरा सी बात पर पर्सनल हमला करना ', एक दूसरे की दिल आजारी करना बंद करो । हम सब को तहज़ीब ओ अदब का मज़ाहिरा करते हुये इख़्तिलाफ़ का इज़हार भी अच्छी जबान में करना चाहिये । और कौम को इख़्तिलाफ़ करते हुये भी एतेहाद किस तरह क़ायम हो इस पर भी ग़ौर करना हैं ।
हमें इस ईद कें दिन ये द्रढ़ संकल्प लेना हैं की हमारे आपसी लड़ाई और घर कें मामले को घर में ही हल करना हैं ताकि  बिल्लियों की लड़ाई में बंदर को फायदा ना हो सकें।



 अल्लाह आपको खु़दाई की सारी नेमतें दे,
अल्लाह आपको खुशियां और अता करे,
दुआ हमारी है आपके साथ,
बकरा ईद पर आप और सबाब हासिल करें!!!


 मुबारक हो आपको खुदा की दी हुई यह जिंदगी, 
खुशियों से भरी रहे आपकी यह जिंदगी, 
गम का साया कभी आप पर ना आए दुआ है यह हमारी, 
आप सदा यूं ही मुस्कराएं, ईद मुबारक…

दीपक  अगर नूर ना होता;
तन्हा दिल यूँ मजबूर ना होता;
मैं आपको “ईद मुबारक” कहने जरूर आता;
अगर आपका घर इतना दूर ना होता।


पुन:आपका तन मन धन से  समाज का सहयोग करने पर बहुत  बहुत बहुत  शुक्रिया ।
प्रेम , अमन , शांति , सद्भावना , भाईचारा के प्रतीक ईद -उल -अजहा   की आप सभी भाइयों और आपके पूरे प्यारे  परिवार  को   मुबारकबाद
जानिब 🙏🙏🙏
आपका प्यारा अखिल भारतीय मोयला समाज सेवा समिति ट्रस़्ट
Edit by Naseer khan j

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