बात तो सोचने वाली तो आइये मोयला समाज के बारे में विचार करें

एक बार कुत्ते और गधे में शर्त लगी कि जो दौड़ कर पहले पहुचेगा वो सत्ता के सिंहासन पर बैठकर राज़ करेगा....

दौड़ शुरु हुई....

कुत्ता खुश था....
उसने सोचा वो तो तेज़ दोडता है....
गधे को तो यूँ ही हरा देगा....

पर उसे क्या मालूम था की हर एक मुहल्ले चौक पर बहुत से कुत्ते हैं और वो उसे आगे जाने ही नही देगे....

हुआ भी ऐसा ही.....
हर चौक पर स्थानीय कुत्तों ने उस पर जानलेवा हमला किया....
वो बहुत से कुत्तों से लड़ता हुआ जैसे तैसे पहुंच गया....

लेकिन वहाँ जाकर देखा कि गधा सत्ता के सिंहासन पर बैठकर राज कर रहा है.....

हताश घायल कुत्ता बोला....
काश मेरी ही बिरादरी वाले मुझसे लड़े न होते तो..?
ये गधा इस सिंहासन तक कभी नही पहुंच पाता....

जरा सोचिए गलती कहाँ हो रही है.
उदाहरण जानवरों का जरूर हैं पर बात तो इंसानों के लिये सोचने वाली हैं !!
तो आइये समाज को एकजुट करे व आधुनिक प्रतिस्पर्धा युग में मोयला समाज को गौरवशाली,वैभवशाली व उन्नतीशील बनाने में अपना अमुल्य योगदान देवें तथा प्रत्येक व्यक्ति की हौसला अफजाई करें जिससे वो समाज का नाम रोशन कर सकें।
मेरा समाज मेरा गौरव के तहत आपके योगदान को समाज की आने वाली पीढियां याद करके अपने आप को गौरवांतित महसुस कर सकें।
एक बनो नेक बनो 
शुक्रिया
ऩसीर खान j
अखिल भारतीय मोयला समाज सेवा समिति ट्रस्ट (रजि.)
The all indian moyla society service trust .Registerd 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जिस कॉम का टूटा फूटा इतिहास होता है वो कॉम खत्म हो जाती है

About: अखिल भारतीय मोयला समाज सेवा समिति ट्रस्ट

समाजसेवियो की कलम से:- शुक्रिया मोयला समाज।। ट्रस्ट ने रचा इतिहास।।