मृत्यु भोज का लुत्फ उठाने वालो,अगर वाकई मे इंसान ही हो तो आंसुओं और मज़बुरियो से बना खाना छोड़ दो..
मृत्यु भोज का लुत्फ उठाने वालो...
जो आप सजधज कर जीमण जीमने जाते हो ना.. तुम्हारे उसी
*एक समय के जीमण की कीमत*
आप तो मज़े से जीमण खा रहे होते हो.. लेकिन कभी उस विधवा औरत के बारे मे भी सोचा.. जो अब भी घर के अंधेरे कमरे मे किसी कोने में भरी गर्मी मे भी कम्बल ओढकर बैठी ुई है ..वो 8-10 दिनो से लगातार रो रही है और उसके आंसु सुखते तक नहीं है.. वो ना जाने कितने दिनों से भूखी होगी.. जिसे बाकी की सारी उम्र अपने पति के बिना सादगी से काटनी पड़ेगी...
मृत्यु भोज का लुत्फ उठाने वालो..
उन बच्चों के बारे में भी सोचो..
जिनके सर से अपने बाप का साया उठ चुका है.. और जो हफ़्ते दस दिन से भूखे प्यासे आपके खाने पीने की ज़रूरतो को पुरा करने मे लगे हुए हैं.. इस मृत्यु भोज के लिए चाहे कर्ज ले या ज़मीन बेचे.. चाहे बच्चों की पढ़ाई छुटे या कम उम्र में ही मज़दुरी करनी पड़े..
पैसे तो उन्ही को चुकाने है..
आपको तो आपके जीमण से मतलब है..कभी उनकी आँखों मे आंखें डालकर देखना.. कर्ज़ चुकाने की टेंशन साफ दिखाई देगी..
Naseer khan j
Minjanib all Indian moyla society service trust
जो आप सजधज कर जीमण जीमने जाते हो ना.. तुम्हारे उसी
*एक समय के जीमण की कीमत*
आप तो मज़े से जीमण खा रहे होते हो.. लेकिन कभी उस विधवा औरत के बारे मे भी सोचा.. जो अब भी घर के अंधेरे कमरे मे किसी कोने में भरी गर्मी मे भी कम्बल ओढकर बैठी ुई है ..वो 8-10 दिनो से लगातार रो रही है और उसके आंसु सुखते तक नहीं है.. वो ना जाने कितने दिनों से भूखी होगी.. जिसे बाकी की सारी उम्र अपने पति के बिना सादगी से काटनी पड़ेगी...
मृत्यु भोज का लुत्फ उठाने वालो..
उन बच्चों के बारे में भी सोचो..
जिनके सर से अपने बाप का साया उठ चुका है.. और जो हफ़्ते दस दिन से भूखे प्यासे आपके खाने पीने की ज़रूरतो को पुरा करने मे लगे हुए हैं.. इस मृत्यु भोज के लिए चाहे कर्ज ले या ज़मीन बेचे.. चाहे बच्चों की पढ़ाई छुटे या कम उम्र में ही मज़दुरी करनी पड़े..
पैसे तो उन्ही को चुकाने है..
आपको तो आपके जीमण से मतलब है..कभी उनकी आँखों मे आंखें डालकर देखना.. कर्ज़ चुकाने की टेंशन साफ दिखाई देगी..
खुशी के मौके भी जिंदगी में खुब आते है.. तब खाओ ना, जी भरकर.. जितना खा सको......समाज के गणमान्य पँच वह मुख्य लोगों से हाथ जोङ कर विनती है कि म्रत्यु भोज बँद करने हेतु समाज मे आगे आये ..आप सभी महानुभावो की ये छोटी सी पहल हमारे समाज के युवा को कर्जदार होने से रोक सकती है अतः आप से पुनः विनती करता हु ..🙏 कि ये पोस्ट आप सभी को ठीक लगे तो शेयर करना न भूले......😢''अगर वाकई मे इंसान ही हो तो आंसुओं और मज़बुरियो से बना खाना छोड़ दो''
Naseer khan j
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