मोयला कौम के भाइयों ! समय के साथ स्वयं क़ो बदलो । देश विदेश मे हमारे आस पास के जीवन शैली तकनीक, विज्ञान , विचार , व्यापार मे तेजी से बदलाव हो रहे हैं अगर हम समय के साथ नही चले तो हम बहुत ही पीछे रह जाएंगे ।
मोयला कौम के भाईयो तालीम की ओर बढ़ो , , , ,
' ' ख्वाहिशों से नही गिरते फूल झोली मे
मेहनत कर्मं की शाखा क़ो हिलाना होगा
कुछ नही होगा सिर्फ कोसने से अंधरे क़ो
अपने हिस्से का दिया खुद ही जलाना होगा ' '
ऐ ! मेरे कौम के लोगो समय पुकार रहा हैं , वातावरण बदल रहा हैं ।
हमारे कौम का भला हाइयर शिक्षा , ऊंच नौकरी , व्यापारी , धनी बनाने वाले रोज़गार एवं उधम और ऊंच आचरण मे निहित हैं ।
साहब गरीबी और भुखमरी सबसे बड़ा रोग हैं , ये सभी दुखो की जननी हैं , गरीब रहकर अपना जीवन बर्बाद कर देना कोई आदर्श नही हैं ।
ओह मेरे कौम के भाइयों , गिनाय्तो
आखिर कब तक निहारते रहोंगे दूसरो की दौलत ?आखिर कब तक आप तालीम से अपनी औलाद क़ो दूर रखोगे ?
कब तक ये कहते रहोंगे पैसे वाले क़ो मेरे जूती की नोक पर रखता हू ?
साहब कब तक ?मेरे कौम के भाइयों कब तक ?मेरे साथियों और मेरे आदरणीय बुजुर्गो आखिर कब तक ?
सर समय की मांग हैं आप नौकरियो पर कब्ज़ा करो , और बिज़्नेस संभालो ।
मै समाज के उन भाइयों से भी कहना चाहता हू जो राजनेतिक पार्टियो से जुड़े हैं , मुझे इससे कोई मतबल नही हैं की आप कौनसे पार्टी से जुड़े हो, लेकिन मेरे कौम के लिये आपने इन नेताओ से क्या लिया ?
कौनसी जगह पर हमारे कौम के लिये जमीन दिलाई ?कितने जगह पर मेरे मोयला कौम के हॉस्टल बनवाए ? आपने इन नेताओ से मेरी कौम के लिये कितने सभा भवन बनवाये? कौनसी जगह पर आपने मेरी कौम के नाम का हॉस्पिटल बनाया ?कौनसी जगह पर और कितने मेरे कौम के नाम की स्कूल खुलवाये ?
जब आप ये काम करवा ही नही सकते, जब आप कौम के लिये कुछ कर ही नही सकते तो आप इन नेताओ के बधुआ मजदूर बनकर अपना समय ना बर्बाद करे । जहा आपके कौम की भलाई नही हो , या जो पार्टी आपके कौम की भलाई नही करे , उस पार्टियो के आयोजनो मे दरिया बिछाना बंद करो । आपको झोला छाप राजनेता बने हुऐ कितने साल हो गये फिर आपके कौम के लिये क्या किया ?
दोस्तो आप खुद सोचो ?हमने इन पार्टियो से क्या लिया ?
साहब केवल नेताओ से हाथ मिलाने से और उनके साथ फोटो खीच कर फ़ेस बूक पर अपलोड करने से कुछ भी कौम का भला नही होंने वाला हैं ।
हम बाते तो बड़ी बड़ी करतें हैं , फलां नेता से मेरी जान पहचान हैं , हर घर मे , हर गांव मे हमारे कौम से नेता बने बैठे हैं , बाते ऐसे करतें हैं जैसे पूरी सरकार तो इन के बलबूते पर ही चलती हैं । जब कभी ये लोग देल्ही आते हैं तो ये नेता AICC ऑफिस के बाहर खड़े होकर फोटो लेते हैं और कहते हैं की हम राहुल गांधी से मिलकर आये हैं , बड़े शर्म की बात हैं ।
आप दिखावा बंद करो और कौम के लिये कुछ करके दिखाओ ।
मोयला कौम के भाइयों ! समय के साथ स्वयं क़ो बदलो ।
देश विदेश मे हमारे आस पास के जीवन शैली तकनीक, विज्ञान , विचार , व्यापार मे तेजी से बदलाव हो रहे हैं अगर हम समय के साथ नही चले तो हम बहुत ही पीछे रह जाएंगे ।
सर आज भी हमारा ये हाल हैं की गांव की टूटी चारपाई पर चिलम या सिगरेट घुड़-घुड़ धुंआ निकाल रहे हैं । आज भी हमारे कौम के लोग ज्यादातर नहिड के हमारे भाई डोडा , अफीम मे अपना घर बर्बाद कर रहे हैं । साहब आज हमारे आस पास के कौम क़ो देखो जो आर्थिक स्थति बढ़िया होंने के बावज़ूद भी इन चीजो पर प्रतिबंध कर रखा हैं । हमारे आस पास के 24गांव कलबीयो के हैं , उस कौम के कही शादियों मे जाता हू उनके जाजम पर आज बीडी तक नही पी सकते ।
अगर जाजम पर कोई बीडी , सिगरेट पीता हैं तो उसका फोटो लेकर शिकारपुरा भेजा जाता हैं , और वहा से श्री दयाराम जी महाराज उनके ऊपर 51000 दंड देते हैं , डोडा अफीम तो दूर की बात हैं ।
आज हमारे पास ना इंग्लिश का ज्ञान हैं , ना नही टेक्नोलॉजी की जानकारी , ना नये बिज़्नेस का नॉलेज हैं , ना ही देश दुनियां की पूरी खबर । सर ऐसे मे भला हमारी कौम का कल्याण कैसे होगा ।
साहब आखिर कार हम समय क़ो कब समझ पाएंगे ?
आखिर समय की रफ्तार के साथ हम कब दौड़ना शुरू करेंगे ।
' ' ख्वाहिशों से नही गिरते फूल झोली मे
मेहनत कर्मं की शाखा क़ो हिलाना होगा
कुछ नही होगा सिर्फ कोसने से अंधरे क़ो
अपने हिस्से का दिया खुद ही जलाना होगा ' '
ऐ ! मेरे कौम के लोगो समय पुकार रहा हैं , वातावरण बदल रहा हैं ।
हमारे कौम का भला हाइयर शिक्षा , ऊंच नौकरी , व्यापारी , धनी बनाने वाले रोज़गार एवं उधम और ऊंच आचरण मे निहित हैं ।
साहब गरीबी और भुखमरी सबसे बड़ा रोग हैं , ये सभी दुखो की जननी हैं , गरीब रहकर अपना जीवन बर्बाद कर देना कोई आदर्श नही हैं ।
ओह मेरे कौम के भाइयों , गिनाय्तो
आखिर कब तक निहारते रहोंगे दूसरो की दौलत ?आखिर कब तक आप तालीम से अपनी औलाद क़ो दूर रखोगे ?
कब तक ये कहते रहोंगे पैसे वाले क़ो मेरे जूती की नोक पर रखता हू ?
साहब कब तक ?मेरे कौम के भाइयों कब तक ?मेरे साथियों और मेरे आदरणीय बुजुर्गो आखिर कब तक ?
सर समय की मांग हैं आप नौकरियो पर कब्ज़ा करो , और बिज़्नेस संभालो ।
मै समाज के उन भाइयों से भी कहना चाहता हू जो राजनेतिक पार्टियो से जुड़े हैं , मुझे इससे कोई मतबल नही हैं की आप कौनसे पार्टी से जुड़े हो, लेकिन मेरे कौम के लिये आपने इन नेताओ से क्या लिया ?
कौनसी जगह पर हमारे कौम के लिये जमीन दिलाई ?कितने जगह पर मेरे मोयला कौम के हॉस्टल बनवाए ? आपने इन नेताओ से मेरी कौम के लिये कितने सभा भवन बनवाये? कौनसी जगह पर आपने मेरी कौम के नाम का हॉस्पिटल बनाया ?कौनसी जगह पर और कितने मेरे कौम के नाम की स्कूल खुलवाये ?
जब आप ये काम करवा ही नही सकते, जब आप कौम के लिये कुछ कर ही नही सकते तो आप इन नेताओ के बधुआ मजदूर बनकर अपना समय ना बर्बाद करे । जहा आपके कौम की भलाई नही हो , या जो पार्टी आपके कौम की भलाई नही करे , उस पार्टियो के आयोजनो मे दरिया बिछाना बंद करो । आपको झोला छाप राजनेता बने हुऐ कितने साल हो गये फिर आपके कौम के लिये क्या किया ?
दोस्तो आप खुद सोचो ?हमने इन पार्टियो से क्या लिया ?
साहब केवल नेताओ से हाथ मिलाने से और उनके साथ फोटो खीच कर फ़ेस बूक पर अपलोड करने से कुछ भी कौम का भला नही होंने वाला हैं ।
हम बाते तो बड़ी बड़ी करतें हैं , फलां नेता से मेरी जान पहचान हैं , हर घर मे , हर गांव मे हमारे कौम से नेता बने बैठे हैं , बाते ऐसे करतें हैं जैसे पूरी सरकार तो इन के बलबूते पर ही चलती हैं । जब कभी ये लोग देल्ही आते हैं तो ये नेता AICC ऑफिस के बाहर खड़े होकर फोटो लेते हैं और कहते हैं की हम राहुल गांधी से मिलकर आये हैं , बड़े शर्म की बात हैं ।
आप दिखावा बंद करो और कौम के लिये कुछ करके दिखाओ ।
मोयला कौम के भाइयों ! समय के साथ स्वयं क़ो बदलो ।
देश विदेश मे हमारे आस पास के जीवन शैली तकनीक, विज्ञान , विचार , व्यापार मे तेजी से बदलाव हो रहे हैं अगर हम समय के साथ नही चले तो हम बहुत ही पीछे रह जाएंगे ।
सर आज भी हमारा ये हाल हैं की गांव की टूटी चारपाई पर चिलम या सिगरेट घुड़-घुड़ धुंआ निकाल रहे हैं । आज भी हमारे कौम के लोग ज्यादातर नहिड के हमारे भाई डोडा , अफीम मे अपना घर बर्बाद कर रहे हैं । साहब आज हमारे आस पास के कौम क़ो देखो जो आर्थिक स्थति बढ़िया होंने के बावज़ूद भी इन चीजो पर प्रतिबंध कर रखा हैं । हमारे आस पास के 24गांव कलबीयो के हैं , उस कौम के कही शादियों मे जाता हू उनके जाजम पर आज बीडी तक नही पी सकते ।
अगर जाजम पर कोई बीडी , सिगरेट पीता हैं तो उसका फोटो लेकर शिकारपुरा भेजा जाता हैं , और वहा से श्री दयाराम जी महाराज उनके ऊपर 51000 दंड देते हैं , डोडा अफीम तो दूर की बात हैं ।
आज हमारे पास ना इंग्लिश का ज्ञान हैं , ना नही टेक्नोलॉजी की जानकारी , ना नये बिज़्नेस का नॉलेज हैं , ना ही देश दुनियां की पूरी खबर । सर ऐसे मे भला हमारी कौम का कल्याण कैसे होगा ।
साहब आखिर कार हम समय क़ो कब समझ पाएंगे ?
आखिर समय की रफ्तार के साथ हम कब दौड़ना शुरू करेंगे ।
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