अक अपना हक लेना है तो सियासत और तालीम के मैदान में उतरो और उस जगह घुसने प्रयास करो जहां कानून बनते हैं जहां से कानून पास होते हैं।

 अकबरुद्दीन ओवैसी बार बार कहते हैं ''रोड पर उतरकर धरना प्रदर्शन करने से कुछ नही होता.. इस तरह आप अपनी कोई बात नही मनवा सकते उलटा लाठी खाओगे या फिर प्लेट गन की गोली.. अगर अपनी बात मनवाना अपना हक लेना है तो सियासत और तालीम के मैदान में उतरो और उस जगह घुसने प्रयास करो जहां कानून बनते हैं जहां से कानून पास होते हैं।''

मैं अकबरुद्दीन ओवैसी साहब की इस बात से पूरी तरह से मुत्तफिक हूँ और अक्सर ध्यान भी देता हूं जब कहीं मुसलमानो के खिलाफ कोई काम होता है तो मुसलमान सबसे पहले धरना प्रदर्शन के लिए कूद पड़ता है लेकिन आज तक एक भी धरना से कोई एक मसला हल नही हुआ है, लोग दो दिन तक अपनी अपनी पब्लिकसिटी लेते हैं और फिर अपने अपने काम मे लग जाते हैं।

लेकिन सियासत और तालीम के जरिये आप गौर फरमाएं तो हैदराबाद मजलिस टीम अपना हर हक़ वसूल करती है दूसरी तरफ भाजपा शासित राज्य महारास्ट्र में मजलिस के 2 शेर हैं जो मुसलमानो के खिलाफ होने वाली हर घटना पर मुख्यमंत्री से जवाब तलब करते हैं मस्जिद में अज़ान का मसला हो या कब्रिस्तान की जमीन का मसला हो उसको तुरंत हल करते हैं और वक़्फ़ की जमीन से लेकर स्कूल कालेज तक गवर्मेंट से लेने की जद्दोजहद में लगे हैं जिसमे काफी हद्द तक कामियाब भी हो चुके हैं।

हर मुसलमान को सियासत और तालीम की अहमियत को समझने की जरूरत है तभी बदलाव की गुंजाइश है वरना दिन बदिन मुसलमानो के हालात बद से बद्दतर ही होते जाएंगे ।
ओह मेरे कौम के भाइयों !
सम्मान से जीना सीखे ।
सागर की लहरे कह रही हैं ,
कभी रुकना नही ओ मिंयामोटन शाह के सेनानी  ।
मिंया मोंटन.शाह की कर्मभूमि ललकारती हैं ,
अभी रुकना नही ओ मियांमोटन शाह के सेनानी ।
हर बाधाओं क़ो पार करना हैं ,
कभी झुकना नही ओ मियांमोटन शाह के सेनानी ।
साहब जमाना बदल रहा हैं ।
हिन्दुस्तान का वातारण बदल रहा हैं ।

जनाब मेरा तो कहना हैं
सर व्यापार पर कब्जा करो , नौकरियो पर कब्जा करो , बाजार पर कब्ज़ा करो ,
समय का तकाजा हैं ।
हर तरह की नौकरियाँ मे , हर तरह के कारोबार मे परचम लहराओ ,
ये समय का तकाजा हैं ।
आपके लिये व्यापार , कारोबार , सरकारी नौकरी खुला मंच हैं ,
हर क्षऎत्र मे कब्ज़ा करो , हर कारोबार मे पर कब्ज़ा करो ,
समय का तकाजा हैं ।
मेरे मोयला कौम के भाइयों ,
द्रढ़ निशचय से कदम दर कदम बढ़ाओ,
आर्थिक , राजनेतिक , सामाजिक मे कामो  भागीदार बनो
समय का तकाजा हैं ।

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