मैं मोयला कॉम से हू!
: *हां मैं मोयला कॉम से हू!!!**
मैं चाहता हूं कि मेरे कौम मैं कोई गरीब ना रहे !
मैं चाहता हूं कि मेरे विधवा बहनों को रोजगार मिले
मैं चाहता हूं की हर समाज के विकलांगो को पेंशन मिले
मैं चाहता हूं समाज के बेऔलाद जरूरतमंदो को मदद मिले
मैं चाहता हूं किसी भी अनहोनी में समाज की मदद करू
मैं चाहता हूं मेरी समाज में दूसरी कौम की तरह सामूहिक विवाह हो
मैं चाहता हूं की समाज तालीम के लिए काम करें
मैं चाहता हूं कि समाज में कोई भी अशिक्षित नहीं रहे
मैं चाहता हूं की समाज में कोई भी बेरोजगार नहीं रहे
मैं चाहता हूं की की समाज में कैंसर पीड़ित, एड्स से पीड़ित गंभीर बीमारियों से पीड़ित भाई की मदद हो मैं चाहता हूं की मृत्यु भोज बंद हो
मैं चाहता हूं कि समाज में दहेज बंद हो
मैं चाहता हूं समाज में पुराने रीति रिवाज जो गलत है जिसका इस्लाम से कोई वास्ता नहीं है वह बंद हो
मैं चाहता हूं यह सब कुछ करना लेकिन क्या करूं?
मेरे पास वक्त नहीं है और ना ही इन कामों के लिए मेरे पास 500-1000 रुपये देने के लिए
मुझे पता है कि अखिल भारतीय मोयला समाज सेवा समिति लगातार 3 सालों से जरूरतमंदों की मदद कर रही है लेकिन इनके कामों की तारीफ नहीं कर सकता क्योंकि इसके लिए मेरे पास वक्त नहीं है या फिर अगर मैं तारीफ कर दूंगा तो हो सकता है इससे मेरी इज्जत कम हो जाए।
*हाँ मैं मोयला कॉम से हू*
मैं प्रशासनिक सेवा में में जा सकता हूं मैं कलेक्ट, एसपी, डीएसपी, तहसीलदार, एसडिएम, डीएम ,डॉक्टर किसी भी प्रशासनिक सेवा में जा सकता हूं लेकिन अगर मैं प्रशासनिक सेवा में चला गया तो मेरे गांव की और गांव के चौराहे की रौनक खत्म हो जाएगी ,जो कि मैं हरगिज़ होने नहीं दूंगा
अगर मैं पढ़ लिख कर बड़े ओहदे पर चला गया तो गांव में टायर पंचर की दुकान कौन चलाएगा ?भैसो का व्यापार बंद हो जाएगा ,गाड़ियों की ड्राइविंग कौन करेगा? एक दूसरे समाज के भाइयों की गीब्बत कौन करेगा ?
नरेगा पर कौन जाएगा? कमटा पर कौन जाएगा? गांव में रिक्शा कौन चलाएगा ?अगर गांव में किसी को गाड़ी की जरूरत हो गई तो कौन लेकर जाएगा? बजरी के ट्रैक्टर कौन भरेगा? ईटों के कजावे पर मजदूरी करने कौन जाएगा? पानी का टैंकर घर घर कौन पहुंचाएगा ?मकानों के पेंट का काम कौन करेगा ?अगर मैं पढ लिख गया और नौकरी मिल गई तो गांव से बाहर जाना पड़ेगा, घर छोड़ना पड़ेगा और वह में कतई होने नहीं दूंगा क्योंकि फिर गांव में आवारागर्दी कोंन करेगा? अगर मैं पढ़ लिख गया तो चौराहे की रौनक खत्म हो जाएगी जहां पर मैं सुबह से शाम तक बैठकर गप्पे मारता हूं और ताश खेलना, गुटखा खाना ,पान खाना, बीड़ी पीना ,सिगरेट पीना ,चाय पीना यह सब कुछ बंद हो जाएगा और वह में कतई होने नहीं दूंगा
*हाँ में मोयला कॉम से हू*
काम मेरे पास कुछ भी नहीं है ,लेकिन फर्क क्या पड़ता है अल्लाह दो वक्त की रोटी खिला देता है वैसे भी रिजक देने का अल्लाह ने वायदा कर रखा है।
हां मैं मोयला कॉम से हूं टांग खिंचाई करना मेरा हम अहम मसगला है ।
मेरा काम है मेरा काम है समाज के लोगों की बुराई करना ,गिब्बत करना , हर बात को परिवार के हर झगड़े को सड़कों पर ले जाना दूसरी कौम को बताना ताकि हमारी कमजोरी का पता गांव के प्रत्येक आदमी को लगे।
*हाँ मैं मोयला कोंम से हू**
जन्म लेते ही मेरे ऊपर एक मोहर लग गई थी कि मैं पंचर की दुकान खोलूंगा, मैं मुंबई और मध्य प्रदेश से आने वाले व्यापारियों को भैंस का पूछ दिलाऊंगा, चाहे व्यापारी रुपए देवे या खाकर भाग जाए मैं कमटा पर काम करूंगा, मैं गाड़ियों का ड्राइवर बनूंगा, मैं बस का कनेक्टर बनूंगा ज्यादा हो गया दो गाड़ियों का मकेनिक् बन लूंगा।
मैं क्यों नहीं पढ़ पाया?
इसके लिए मेरे पास मजबूत जवाब है मैं पढ़ाई का पूरा दोष मेरे वालदेन के ऊपर डाल दूंगा ,मेरे घर वालो ने नहीं पढ़ाया ।मेरे घर की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। मेरे छोटी उम्र में शादी हो गई थी ।मेरे ऊपर घर वालों की पूरी जिम्मेदारी थी ,न जाने क्या बहाना मेरे पास दुनिया को बताने के लिए।
*हाँ में मोयला कोंम से हू*
सिगरेट पीना, बीड़ी पीना, गुटखा खाना, पान खाना, डोडा पीना, अफीम खाना ,लेग पीस खाना, अच्छे से अच्छा मोबाइल अपना, अच्छी रेस्टोरेंट में जाना,फालतू खर्च करना मैं अपने आप में शान समझता हूं फालतू गाड़ियों में पैट्रोल जलाना,,आवारागर्दी करना मेरा काम है ,लेकिन मेरे पास बच्चों को अच्छी स्कूल में तालीम देने के लिए फीस के पैसे नहीं है ।
मेरा बच्चा दसवीं पास हो जाता है, उसके बाद जो पैसों की जरूरत होती है तो वह मेरे पास नहीं है क्योंकि मैंने बोला है ना की में मोयला कॉम से ह
**हां मैं मोयला कौन से हूं*
मैं दिन में दो चार सौ रुपए ऐसे ही खर्च कर देता हूं और ऐसे ही उड़ा देता हूं शादियों में डीजे लाना, फालतू खर्च करना, दहेज देना 40 वें में मालपुआ बनाना, पांच पकवान बनाना, शादियों में में वाकल करना, दहेज देना और लेना और न जाने किन किन फालतू खर्च करने में अपने आप को गर्व महसूस करता हूं, लेकिन किसी जरूरतमंद को 500 या हजार रुपये देने में मुझे जोर आता है
। *मैं मोयला कौम से हूं**
बच्चों की इस्लामी तालिम की बारे में बहुत बात करता हूं, लेकिन मेरे पास दीनी तालीम के लिए मौलाना को देने के लिए ₹500 नहीं है।
*हां मैं मोयला कौन से हूं*
मैंने पढ़ाई की बहुत बात हो गई क्यों नहीं अब सियासी बातें की जाए मेरे पास सियासी सूझबूझ भी नहीं है मैं चाहता हूं कि मेरी कौम से कोई राजनीति में जाए लेकिन जाने वाले को जाने नहीं दूंगा क्योंकि मैं यह नहीं चाहूंगा कि मेरी कौम का कोई बंदा राजनीति में जाए मैं उसके खिलाफ घूम घूम कर जगह जगह प्रचार करूंगा की ये राजनीति करता है मेरा काम तो सिर्फ दूसरे लोगों को चिलम भर कर देना दूसरों के लिए जाजम बिछाना उनके साथ फोटो खींचकर फेसबुक पर अपलोड करना उनको चाय और पानी का गिलास भरकर देना और उनके चमचे बनकर कर बने रहने में ही अपने आप को नेता समझता हूं हमें मोयला कौम से हूं अखिल भारतीय मोयला समाज सेवा समिति और मेरे दीनी भाई बताते हैं कि मेरे कौम के हजार गांव है और लगभग पांच लाख जनसंख्या है लेकिन ज्यादातर अशिक्षित, अनपढ़ लोग हैं ,गरीब है लेकिन इसके बावजूद मेरा काम तो केवल कॉम के लोगों की बुराई के अलावा कुछ नहीं है मेरे पास गिबत करने के लिए बहुत वक्त है लेकिन समाज के प्रति दर्द नहीं है मैं मेरे दुख से दुखी नहीं हूं लेकिन मैं इस बात से दुखी हूं कि मेरे गांव में कनिया कंडिया जादारा के घर कम होने के बावजूद वो सफल क्यों हैं मैं हर समस्या का दोष दूसरों पर गढ़ता हूं मैं चाहता हूं कि मेरे घर का, आंगन का जादू लगाने के लिए सरकार आए
मैं उस धर्म से बिलॉन्ग करता हूं जिसमें कहा गया है की पाक रहना आधा ईमान है ,उसके बावजूद मैं गंदगी फैलाता हु क्योंकि ये मेरा काम है क्योंकि मैंने कहा है ना मैं मोयला कौम से हूं।
🙏🙏🙏अखिल भारतीय मोयला समाज की जानिब से 🙏🙏
मैं चाहता हूं कि मेरे कौम मैं कोई गरीब ना रहे !
मैं चाहता हूं कि मेरे विधवा बहनों को रोजगार मिले
मैं चाहता हूं की हर समाज के विकलांगो को पेंशन मिले
मैं चाहता हूं समाज के बेऔलाद जरूरतमंदो को मदद मिले
मैं चाहता हूं किसी भी अनहोनी में समाज की मदद करू
मैं चाहता हूं मेरी समाज में दूसरी कौम की तरह सामूहिक विवाह हो
मैं चाहता हूं की समाज तालीम के लिए काम करें
मैं चाहता हूं कि समाज में कोई भी अशिक्षित नहीं रहे
मैं चाहता हूं की समाज में कोई भी बेरोजगार नहीं रहे
मैं चाहता हूं की की समाज में कैंसर पीड़ित, एड्स से पीड़ित गंभीर बीमारियों से पीड़ित भाई की मदद हो मैं चाहता हूं की मृत्यु भोज बंद हो
मैं चाहता हूं कि समाज में दहेज बंद हो
मैं चाहता हूं समाज में पुराने रीति रिवाज जो गलत है जिसका इस्लाम से कोई वास्ता नहीं है वह बंद हो
मैं चाहता हूं यह सब कुछ करना लेकिन क्या करूं?
मेरे पास वक्त नहीं है और ना ही इन कामों के लिए मेरे पास 500-1000 रुपये देने के लिए
मुझे पता है कि अखिल भारतीय मोयला समाज सेवा समिति लगातार 3 सालों से जरूरतमंदों की मदद कर रही है लेकिन इनके कामों की तारीफ नहीं कर सकता क्योंकि इसके लिए मेरे पास वक्त नहीं है या फिर अगर मैं तारीफ कर दूंगा तो हो सकता है इससे मेरी इज्जत कम हो जाए।
*हाँ मैं मोयला कॉम से हू*
मैं प्रशासनिक सेवा में में जा सकता हूं मैं कलेक्ट, एसपी, डीएसपी, तहसीलदार, एसडिएम, डीएम ,डॉक्टर किसी भी प्रशासनिक सेवा में जा सकता हूं लेकिन अगर मैं प्रशासनिक सेवा में चला गया तो मेरे गांव की और गांव के चौराहे की रौनक खत्म हो जाएगी ,जो कि मैं हरगिज़ होने नहीं दूंगा
अगर मैं पढ़ लिख कर बड़े ओहदे पर चला गया तो गांव में टायर पंचर की दुकान कौन चलाएगा ?भैसो का व्यापार बंद हो जाएगा ,गाड़ियों की ड्राइविंग कौन करेगा? एक दूसरे समाज के भाइयों की गीब्बत कौन करेगा ?
नरेगा पर कौन जाएगा? कमटा पर कौन जाएगा? गांव में रिक्शा कौन चलाएगा ?अगर गांव में किसी को गाड़ी की जरूरत हो गई तो कौन लेकर जाएगा? बजरी के ट्रैक्टर कौन भरेगा? ईटों के कजावे पर मजदूरी करने कौन जाएगा? पानी का टैंकर घर घर कौन पहुंचाएगा ?मकानों के पेंट का काम कौन करेगा ?अगर मैं पढ लिख गया और नौकरी मिल गई तो गांव से बाहर जाना पड़ेगा, घर छोड़ना पड़ेगा और वह में कतई होने नहीं दूंगा क्योंकि फिर गांव में आवारागर्दी कोंन करेगा? अगर मैं पढ़ लिख गया तो चौराहे की रौनक खत्म हो जाएगी जहां पर मैं सुबह से शाम तक बैठकर गप्पे मारता हूं और ताश खेलना, गुटखा खाना ,पान खाना, बीड़ी पीना ,सिगरेट पीना ,चाय पीना यह सब कुछ बंद हो जाएगा और वह में कतई होने नहीं दूंगा
*हाँ में मोयला कॉम से हू*
काम मेरे पास कुछ भी नहीं है ,लेकिन फर्क क्या पड़ता है अल्लाह दो वक्त की रोटी खिला देता है वैसे भी रिजक देने का अल्लाह ने वायदा कर रखा है।
हां मैं मोयला कॉम से हूं टांग खिंचाई करना मेरा हम अहम मसगला है ।
मेरा काम है मेरा काम है समाज के लोगों की बुराई करना ,गिब्बत करना , हर बात को परिवार के हर झगड़े को सड़कों पर ले जाना दूसरी कौम को बताना ताकि हमारी कमजोरी का पता गांव के प्रत्येक आदमी को लगे।
*हाँ मैं मोयला कोंम से हू**
जन्म लेते ही मेरे ऊपर एक मोहर लग गई थी कि मैं पंचर की दुकान खोलूंगा, मैं मुंबई और मध्य प्रदेश से आने वाले व्यापारियों को भैंस का पूछ दिलाऊंगा, चाहे व्यापारी रुपए देवे या खाकर भाग जाए मैं कमटा पर काम करूंगा, मैं गाड़ियों का ड्राइवर बनूंगा, मैं बस का कनेक्टर बनूंगा ज्यादा हो गया दो गाड़ियों का मकेनिक् बन लूंगा।
मैं क्यों नहीं पढ़ पाया?
इसके लिए मेरे पास मजबूत जवाब है मैं पढ़ाई का पूरा दोष मेरे वालदेन के ऊपर डाल दूंगा ,मेरे घर वालो ने नहीं पढ़ाया ।मेरे घर की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। मेरे छोटी उम्र में शादी हो गई थी ।मेरे ऊपर घर वालों की पूरी जिम्मेदारी थी ,न जाने क्या बहाना मेरे पास दुनिया को बताने के लिए।
*हाँ में मोयला कोंम से हू*
सिगरेट पीना, बीड़ी पीना, गुटखा खाना, पान खाना, डोडा पीना, अफीम खाना ,लेग पीस खाना, अच्छे से अच्छा मोबाइल अपना, अच्छी रेस्टोरेंट में जाना,फालतू खर्च करना मैं अपने आप में शान समझता हूं फालतू गाड़ियों में पैट्रोल जलाना,,आवारागर्दी करना मेरा काम है ,लेकिन मेरे पास बच्चों को अच्छी स्कूल में तालीम देने के लिए फीस के पैसे नहीं है ।
मेरा बच्चा दसवीं पास हो जाता है, उसके बाद जो पैसों की जरूरत होती है तो वह मेरे पास नहीं है क्योंकि मैंने बोला है ना की में मोयला कॉम से ह
**हां मैं मोयला कौन से हूं*
मैं दिन में दो चार सौ रुपए ऐसे ही खर्च कर देता हूं और ऐसे ही उड़ा देता हूं शादियों में डीजे लाना, फालतू खर्च करना, दहेज देना 40 वें में मालपुआ बनाना, पांच पकवान बनाना, शादियों में में वाकल करना, दहेज देना और लेना और न जाने किन किन फालतू खर्च करने में अपने आप को गर्व महसूस करता हूं, लेकिन किसी जरूरतमंद को 500 या हजार रुपये देने में मुझे जोर आता है
। *मैं मोयला कौम से हूं**
बच्चों की इस्लामी तालिम की बारे में बहुत बात करता हूं, लेकिन मेरे पास दीनी तालीम के लिए मौलाना को देने के लिए ₹500 नहीं है।
*हां मैं मोयला कौन से हूं*
मैंने पढ़ाई की बहुत बात हो गई क्यों नहीं अब सियासी बातें की जाए मेरे पास सियासी सूझबूझ भी नहीं है मैं चाहता हूं कि मेरी कौम से कोई राजनीति में जाए लेकिन जाने वाले को जाने नहीं दूंगा क्योंकि मैं यह नहीं चाहूंगा कि मेरी कौम का कोई बंदा राजनीति में जाए मैं उसके खिलाफ घूम घूम कर जगह जगह प्रचार करूंगा की ये राजनीति करता है मेरा काम तो सिर्फ दूसरे लोगों को चिलम भर कर देना दूसरों के लिए जाजम बिछाना उनके साथ फोटो खींचकर फेसबुक पर अपलोड करना उनको चाय और पानी का गिलास भरकर देना और उनके चमचे बनकर कर बने रहने में ही अपने आप को नेता समझता हूं हमें मोयला कौम से हूं अखिल भारतीय मोयला समाज सेवा समिति और मेरे दीनी भाई बताते हैं कि मेरे कौम के हजार गांव है और लगभग पांच लाख जनसंख्या है लेकिन ज्यादातर अशिक्षित, अनपढ़ लोग हैं ,गरीब है लेकिन इसके बावजूद मेरा काम तो केवल कॉम के लोगों की बुराई के अलावा कुछ नहीं है मेरे पास गिबत करने के लिए बहुत वक्त है लेकिन समाज के प्रति दर्द नहीं है मैं मेरे दुख से दुखी नहीं हूं लेकिन मैं इस बात से दुखी हूं कि मेरे गांव में कनिया कंडिया जादारा के घर कम होने के बावजूद वो सफल क्यों हैं मैं हर समस्या का दोष दूसरों पर गढ़ता हूं मैं चाहता हूं कि मेरे घर का, आंगन का जादू लगाने के लिए सरकार आए
मैं उस धर्म से बिलॉन्ग करता हूं जिसमें कहा गया है की पाक रहना आधा ईमान है ,उसके बावजूद मैं गंदगी फैलाता हु क्योंकि ये मेरा काम है क्योंकि मैंने कहा है ना मैं मोयला कौम से हूं।
🙏🙏🙏अखिल भारतीय मोयला समाज की जानिब से 🙏🙏
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